भारत लीक्स आगरा । आज दो अक्टूबर है ,मतलब महात्मागाँधी जी का जन्म दिन। लेकिन दुर्भाग्य है कि उनकी लगी प्रतिमा ही गांधी आश्रम में नह है वह कब चोरी हुई ज़किसके समय मे हुई किसी को कोई जानकारी नही है । अब कैसे होगा उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण । वही इस खबर से अधिकारी भी बेखबर है । पहले से ही दुर्गति झेल रही प्रतिमा के गायब होने की जानकारी गांधी आश्रम की देखभाल करने वाले नगर निगम पार्षद व क्षेत्रीय नगर निगम ठेकेदार को भी नहीं है l
एक लाठी के सहारे अंग्रेजो के छक्के छुड़ाकर देश को आजादी दिलाई थी । समूचे भारत देश के लिए उन्होंने संघर्ष करके एक लाठी के सहारे और एक चश्मे के सहारे देश-विदेश में घूम कर अहिंसा का संदेश दिया । आज उनके आश्रम से ही उनकी प्रतिमा लापता होने जैसी बड़ी घटना आगरा शहर में हो गई है । 1929 में गांधी जी आगरा आये थे । स्वास्थ खराब होने पर वह इसी जगह ठहर गए थे । 11 दिन यहां ठहरने के बाद जब वह स्वस्थ हो गए तो फिर वह यहां से चले गए थे । उसी समय से उनकी एक प्रतिमा जो चरखे के साथ रही हुई थी । प्रतिमा के ऊपर एक चश्मा और एक धोती हुआ करती थी । लेकिन समय के रहते धीरे-धीरे करके जिला प्रशासन के पास इतना टाइम नहीं मिला कि उनकी फ़टी धोती को बदल दे । 4 से 5 साल पहले छेत्रीय निवासी जगदीश यादव ने बाजार से खरीद कर राष्ट्रपिता गाँधी जी को धोती पहनाई थी । जिसके बाद 1 वर्ष पूर्व गांधी जी की खंडित प्रतिमा व टूटे चश्मे को कमरे से हटाकर बराबर वाले बंद कमरे में रख दिया गया था । लेकिन आज वह प्रतिमा बिल्कुल गायब हो चुकी है । गांधी आश्रम की देखभाल करने वालों को भी नहीं पता के इतनी बड़ी गांधी जी की यादगार प्रतिमा जिससे आश्रम की पहचान होती है ।गाँधी आश्रम से उनकी प्रतिमा का गायब होना एक बड़ा सवाल है । पूरे राष्ट्र भारत को एक दौर में बंधने वाले प्रतिमा को भी जिला आगरा के अधिकारी आश्रम ।के उनकी प्रतिमा को भी संभालकर कर नहीं रख पाए ।
संगमरमर की प्रतिमा, से नहीं होती पहचान ।
गांधी आश्रम में जो गांधी जी की मुख्य प्रतिमा थी वह लापता हो गई है । अब गांधी आश्रम में केवल एक मार्बल की प्रतिमा रखी हुई है । जो भी आधी है। उसे देखकर यह स्पष्ट नहीं होता कि वह गांधी जी की प्रतिमा है। क्योंकि उसके आंखों पर ना ही चश्मा है । नहीं कोई और पहचान है । इसलिए गांधी आश्रम में रखी हुई प्रतिमा की पुष्टि देखकर भी नहीं की जा सकती ।
क्षेत्रीय निवासी जगदीश यादव ने जानकारी में बताया कि गांधी आश्रम की देखभाल जब तक मैं करता था तब तक गाँधी प्रतिमा आश्रम में थी। लेकिन पिछले 1 साल से गांधी आश्रम की चाबी क्षेत्रीय पार्षद ने ले ली है । मेरे पास चाबी करीब 6 महीने पूर्व आई है । उससे पहले ही गांधी आश्रम से गांधी जी की प्रतिमा गायक है ।जिसकी जानकारी मुझे नहीं दी गई ।
पार्षद पंति श्याम सुंदर ने जानकारी में बताया कि गांधी आश्रम की चाबी मेरे पास थी ।लेकिन मैं पिछले 2 अक्टूबर पर गांधी आश्रम गया था ।उसके बाद में अभी तक नहीं गया । गांधी जी की प्रतिमा आश्रम से गायब है इसकी जानकारी मुझे नहीं है ।चाबी नगर निगम कर्मी बसंत लाल और जगदीश यादव के पास भी रहती है ।
Post Views: 40