भारतलीक्स,आगरा:- ट्रांसपोर्ट नगर सेक्टर 3 में सड़कों का हाल बद से बदतर हालात में है। 60 फुट चौड़े इस रास्ते पर निकलने के लिए छ: इंच की जगह भी नही बची है। दलदल नुमा इस रास्ते पर इतने बड़े गड्ढे हैं कि जब यहाँ कोई वाहन फस जाता है तो उसे निकालने के लिए क्रेन की सहायता लेनी पड़ती है। रात के समय अगर कोई इस रास्ते पर फस जाए तो उसे दूर तक अंधेरे के सिवा कुछ भी नजर नही आता। ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्ट लेने की कवायद सिर्फ कागजो में सीमित रह गई है और अव्यवस्थाओं का दंश यह व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है। काफी सालों से व्यापार कर रहे व्यापारी वर्ग कई बार अपनी समस्या को लेकर आगरा नगर निगम से लेकर एडीए तक मे शिकायत कर चुके हैं मगर चंद दिनों के अंदर जवाब में उन्हें निस्तारित दिखा दिया जाता है। नाले चौक पड़े हुए हैं नालियाँ हैं नही। पूरे इलाके में सीवर की व्यवस्था तक नही है। टैक्स के नाम पर पानी से लेकर नगर निगम तक बड़ा बिल बनाकर हर महीने भेज कर टैक्स वसूल कर रहे हैं मगर सुविधा के नाम पर सिर्फ ठेंगा दिखा दिया जाता है। ट्रांसपोर्ट नगर कब शिफ्ट होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा मगर अव्यवस्थाओं के फैले अंबार के कारण व्यापारी वर्ग खुद से अपना व्यापार कहीं और शिफ्ट करने पर मजबूर होते जा रहे हैं। लाखो-करोड़ो रुपया की जगह लेकर व्यापार कर रहे व्यापारी इतने दुखी है नगर उनकी परेशानी को दूर करने के लिए क्षेत्रीय पार्षद से लेकर विधायक और न ही नगर निगम से लेकर एडीए के पास समय है और न ही बजट।
रोड 60 फुट का जगह 6 इंच भी नही
कहने को सेक्टर 3 का रोड 60 फुट चौड़ा है मगर निकलने के लिए 6 इंच की भी जगह नही है। 2002 में आखिर बार सड़क का निर्माण कार्य हुआ था। उसके बाद से 22 साल गुजर गए मगर जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे बनवाने की सुध तक नही ली। व्यापारी वर्ग कई बार ऑनलाइन शिकायत से लेकर लिखा पढ़ी में भी कर चुके हैं। बावजूद इसके उनकी समस्या को सुनने और उसका निस्तारण करने की कवायद किसी ने नही उठाई।
नाले पड़े हैं चौक सीवर की व्यवस्था नही
ट्रांसपोर्ट नगर सेक्टर 3 में बने सुलभ शौचालय के बाहर बना हुआ नाला कीचड़ से भर गया है। बरसात के दिनों में यह पूरी तरह चौक हो चुका है। नालियाँ यहाँ कभी बनी ही नही जिस कारण पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। बरसात के दिनों में 60 फुट चौड़े इस रोड का बुरा हाल हुआ पड़ा है। व्यापारी वर्ग सड़क निर्माण से लेकर सीवर तक कि गुहार कई बार लगा चुके हैं मगर जिम्मेदार अधिकारियों के कानों पर जूं तक नही रेंगती।
मुख्य बस अड्डे से लेकर आरटीओ ऑफिस तक जुड़ता है मार्ग
ट्रांसपोर्ट नगर सेक्टर 3 में 1.5 किलोमीटर का रास्ता है। 60 फुट चौड़ा यह रास्ता टोरेंट ऑफिस से होकर आईएसबीटी बस अड्डा,आरटीओ ऑफिस और सीएनजी पंप तक के लिए सीधा जाता है। बाहर से आने वाले लोग गूगल मैप की मदद से जब इस रास्ते ओर आते हैं तो उनके वाहन यहाँ हो रहे बड़े बड़े गड्डो में फंसकर रह जाते हैं जिन्हें बाद में सिर्फ क्रेन की मदद से निकाला जाता है। बाद में उन्हें दूसरे रास्ते का सहारा लेकर घूमकर जाना पड़ता है।
अंधेरे में डूबी सड़कें, रोशन कैसे होगा ट्रांसपोर्ट नगर
सेक्टर 3 के रास्ते पर रात के समय सड़कें अंधेरे में डूबी रहती हैं। कारण है कि वर्षों से यहाँ खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों को न बदलवाया गया है और न ही यहाँ पर दूसरी नई लाइटें लगवाई गई हैं। अंधेरे में हादसे इतने गंभीर होते हैं जिसमे अक्सर लोगो को अपनी जान गवानी पड़ती है। बीते दो दिन पहले ही रात के समय एक दो पहिया वाहन सवार की टूटी पड़ी पुलिया में गिरकर मौत हो चुकी है। पुलिया करीब डेढ़ वर्ष से टूटी पड़ी है जिसमे से अब सरिया तक बाहर निकल आई हैं। मगर इतने समय बाद भी इसका निर्माण कार्य नही कराया गया है।
बाइस साल पहले बनी थी सड़क उसके बाद भूले जिम्मेदार
सेक्टर 3 की सड़कों का निर्माण आखरी बार सन 2002 में हुआ था। यहाँ पर 4 लेन बनाया गया था जिसमे 12 फुट के डिवाइडर बने थे। आज 22 सालों में उसके बाद न ही सड़को का निर्माण हुआ और न ही कहीं डिवाइडर नजर आते हैं। यहाँ चारो तरफ सिर्फ बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। सड़क की जगह कीचड़ ले चुकी है। कीचड़ में गिरकर आए दिन कोई न कोई चुटैल होता रहता है। अपने दर्द को अगर किसी से रोया भी जाए तो सुनने वाला कोई नही है। व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी की तरह होता है। वही रीढ़ की हड्डी आज जब दर्द से कराह रही तो उनकी परेशानी सुनने और दूर करने वाला कोई नही है।
टैक्स के बिल लाखो के सुविधा की जगह बन चुके हैं गड्ढे
हर महिने नगर निगम से लेकर पानी तक के बिल हजारों रुपयों के समय पर पहुँच जाते हैं मगर सुविधा की जगह अब गड्डो ने ले ली है। ट्रांसपोर्ट नगर में अव्यवस्थाओं का हाल यह है कि व्यापारी वर्ग हर महीने समय पर बिल भर रहा है मगर उनकी माँगो को सुनकर परेशानी दूर करने वाला कोई नही है। 15 साल पहले यहाँ सीमेंट की सड़कों का निर्माण हुआ था मगर सेक्टर 3 उस समय भी छोड़ दिया गया। जबकि सरकारी टैक्स यहाँ व्यापार कर रहे व्यापारी भी बराबर भर रहे हैं बावजूद इसके इस मुख्य मार्ग की दुर्दशा को ठीक करने की कवायद कागजो तक नही पहुँची। नगर निगम से केकर माई आगरा एप्प और सीएम पोर्टल पर कई शिकायतों के बावजूद व्यापारियों की पीड़ा सुनने वाला कोई नही है।
सड़को पर कब्जा बिल्डिंगों का अवैध निर्माण है निरंतर जारी
अन्य दिनों में यहाँ की सड़कों पर कब्जा कर अपने काम धंधों को शुरू कर दिया जाता है। जिसका न ही कोई टैक्स भरा जाता है और न ही किसी से परमिशन ली जाती है। बाहरी लोग सड़कों पर सामान रखकर अपनी दुकानें सजा लेते हैं। यहाँ बन रही बिल्डिंगों की अगर एडीए द्वारा जाँच करी जाए तो कई भवन स्वामी अवैध निर्माण के घेरे में आ सकते हैं। 150 गज के प्लाट में 250 गज तक का निर्माण हो चुका है। जिम्मेदार अधिकारी अपनी आँखें बंद करके बैठे हुए हैं जिसका भरपूर फायदा भू-माफिया उठा रहे हैं। आए दिन चोरी की वारदातों की वजह से व्यापारियों में हर समय दहशत बनी रहती है। किस सुबह किसका ताला टूटा मिल जाए यह कोई नही जानता। व्यापारी वर्ग इस कदर परेशान है कि अव्यवस्थाओं के चलते किरायेदार भी रुकने को राजी नही हैं।
ट्रांसपोर्ट नगर सेक्टर 3 में परेशान व्यापारियों से हाल जानने जब टीम पहुँची तो गिर्राज संस के मालिक योगेश अग्रवाल ने अपना दर्द बयां किया। वह अकेले नही उनके साथ मे सुखदेव कारला, राजेश नंदा, अजय छाबड़ा, अमरीश खेमका, रविन्द्र कुमार जैन, श्री मिस्वान जी और बलविंदर जैसे अन्य व्यापारियों ने यहाँ फैली अव्यवस्थाओं को लेकर अपना दर्द बयां किया। लाखो करोड़ो की दुकानें और व्यापार करने वालो की परेशानी दूर करने को लेकर भाजपा सरकार में जिम्मेदार अधिकारी के पास समय तक नही है। देश की अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले व्यापारिय अपना दुखड़ा लेकर इस आस में बैठे हैं कि अधिकारीयों से लेकर पार्षद और विधायक कोई उनकी सुन ले और इस समस्या को दूर करवा सके जिससे उनके व्यापार को गति प्रदान हो सके। अगर हालात जस के तस रहे तो व्यापारी वर्ग कहाँ जाएगा जब उनकी सुनने वाला ही कोई नही है।