भारतलीक्स,आगरा:- डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 90वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को विवेकानंद परिसर (खंदारी कैंपस) स्थित शिवाजी मंडपम् में संपन्न हो गया। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति और प्रदेश की राज्यपाल मानीयय आनंदीबेन पटेल जी ने की । मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष, एआइसीटीई चेयरमैन प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे, विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी थीं । समारोह में विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को 117 मेडल प्रदान किए। इनमें 99 पदक बेटियों को, जबकि 18 बेटों को मिले हैं । समारोह की गोल्डन गर्ल एसएन मेडिकल कॉलेज की छात्रा डॉ. अर्पिता चौरसिया रहीं. उन्हें सात गोल्ड और एक सिल्वर पदक मिला। इसके साथ 60212 विद्यार्थियों को विभिन्न उपाधियां प्रदान की गईं।
समारोह में मेडल और उपाधियां प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को राज्यपाल माननीय आनंदी बेन पटेल जी ने एक विशेष संकल्प दिलाया ति सभी सबसे पहले अपने घर जाकर अपनी मां को मेडल पहनाएं और उपाधि प्रदान कर उन्हें सम्मान दें । इसके बाद यह संकल्प लें कि मां हम तुम्हारी अंतिम समय तक सेवा करते रहेंगे ।
लडकों को संकल्प दिलाया कि तय करें कि दहेज की मांग नहीं करूंगा, पत्नी के घर से आए रुपये, मकान आदि नहीं लूंगा । यह दिखाने के लिए नहीं, हमारी शिक्षा का अंग होना चाहिए। इस संकल्प का सभी ने तालियां बजाकर स्वागत किया।
उनका कहना था कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ डिग्री और उपाधि दिलाना नहीं, बल्कि समाज में परिवर्तन लाना है । मैं जेलों में जाकर देखती हूं, तो वहां दहेज हत्या या उत्पीड़न के आरोप में अनेक महिलाएं भी निरुद्ध हैं, उन्हें देखकर अच्छा नहीं लगता । हमें इसी परिस्थिति में परिवर्तन लाना है । आप आत्मनिर्भर बनें, माता-पिता से कहें कि मुझे दहेज में कुछ नहीं चाहिए । मुझे सिर्फ अच्छी और संस्कारी लडकी चाहिए । बताय कि उनके सामने रोजाना तमाम ऐसी फाइलें आती हैं, जिसमें हत्या और दहेज हत्या के आरोपितों की सजा माफी की मांग की जाती है। दूसरे नंबर पर जमीन और तीसरे नंबर पर दुष्कर्म और छेडछाड जैसे अपराधों को नंबर हैं, हमें समाज की इन बीमारियों को दूर करना होगा।
माननीय कुलाधिपति महोदया ने आंगनबाडी के बच्चों को खेल कूद किट और स्वास्थ्य किट भी वितरित की। उन्होंने बच्चों से साफ-सफाई पर ध्यान देने की अपील की। महिलाओं से कहा कि अपनी पुरानी साडियां फेंकें नहीं, उन्हें जमा करें, उनसे तोलिया बनाएं. जिससे बच्चें अपने हाथ साफ कर सकेंगे।
माननीय कुलाधिपति महोदया ने बताया कि जब मैं पहली बार यहां की सेंट्र्ल लाइब्रेरी आयी, वहां गंदगी का अंबार था। लेकिन सोमवार रात्रि में जब वहां दोबारा निरीक्षण किया, तो वह पूरी तरह बदल गई है। आपके पास ऐसी समृद्ध लाइब्रेरी है, उसे स्कूली बच्चों को दिखाएं। के.एम.आई. में पांडुलिपि संग्रहालय हैं, जिसमें बहुत काम हुआ है। वहां डिजिटलाइजेशन का काम हो रहा है। विश्वविद्यालय में दो दिन पबाद नैक का निरीक्षण होने जा रहा है। उससे पूर्व आपको अपने काम का सही मूल्यांकन करना होगा, कमियों को सुधारें और बेहतर करने की ओर बढ़ेंगे, तो हमें ए डबल प्लस अवश्य ही प्राप्त होगा। मुझे जो कमियां मिली हैं, मैंने उन्हें सुधारने के निर्देश भी दिए हैं।
मेडल पाने वाले विद्यार्थियों से कहा कि आपको यहीं नहीं रुकना है, अभी मेडल के लिए मेहनत की, अब समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करें। स्कूली बच्चों को कहा कि आप भी भविष्य में पढ़-लिखकर ऐसे ही पदक पाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए 100 किट वितरित की
12 भवन का लोकापर्ण किया गया
विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो. आशु रानी जी ने बताया कि समारोह में मेधावी छात्र और छात्रों को पदक, डिग्री और उपाधी प्रदान की गईं। कुलाधिपति महोदया के हाथों 12 भवन, प्रयोगशाला समेत अन्य का लोकार्पण किया. दीक्षांत समारोह में 2023-24 सत्र के 60212 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई, जिनमें 50 पीएच.डी., 46538 स्नातक और 2755 परास्नातक, 9993 प्रोफेशनल पाठ्यक्रम और 876 उपाधियां आवासीय संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को दी गईं ।
मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष, एआइसीटीई चेयरमैन प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि छात्राओं को 99 पदक प्राप्त हुए हैं। एक नबंर से वह शतक से चूक गईं हैं, अलगे दीक्षांत समारोह में छात्राएं पदकों का शतक लगाएंगी, यह उम्मीद है। पहले उच्च शिक्षा में बेटियां नहीं होती थीं । इंजीनियरिंग में सिर्फ एक दो ही बेटियों को मौका मिलता था लेकिन अब यह संख्या 40 से 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है, यह समाज की तरक्की का आइना है और बताता है कि विकास की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले हम चंदा मामा की कहानी सुनते थे, अब हम चांद पर जाकर पानी की खोज कर रहे हैं। न्यूक्लियर एनर्जी में आगे जा रहे हैं और सोलर मिशन भी आगे बढ रहा है। 2070 तक हम नेट कार्बन जीरो हो जाएंगे। मैं पार्क में घूमते हुए देखा कि बच्चे कैंपस में कबाड से कमाल कर रहे हैं, यह वेस्ट टू वेल्थ का प्रमाण हैं । विज्ञान की गंगोत्री भारत से निकली थी. जिसमें फिजिक्स, कैमिस्ट्री, हिस्ट्री और तमाम ऐसे सबूत है। आज युवाओं को जोश रखना चाहिए. उन्होंने युवाओं से हाउ इज द जोश का नारा लगवाया. आज एआई का जमाना है. शिक्षिकों का बहुत बडा योगदान है. उनका स्थान नहीं कोई ले पाएगा।
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय
ने कहा कि शिवाजी महाराज का अध्याय हर सनातनी को ऊर्जा प्रदान करता है । औरंगजेब की कैद से शिवाजी महाराज अपनी चतुराई और शौर्य से छूटे और अपने राज्य गए । ऐसा आगरा का गौरवशाली इतिहास है । उन्होंने विद्यार्थियों से कहां कि आज जो उपाधि और मेडल मिले है. मेरी सलाह है कि इन्हें पाकर अब आपको मॉडल बनना होगा, जिससे समाज को एक नई दिशा दें सकें। जीवन के नए पथ पर ऐसा करें, जो देश और समाज के लिए हो. ये हमारे संस्कार भी हैं। उच्च राज्य शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी का कहना था कि नई शिक्षा नीति से नए सोपान बनेंगे. ये शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान देगी।
इनका हुआ लोकार्पण
– मेजर ध्यानचन्द स्टेडियम, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस परिसर, छलेसर ।
– स्पोर्ट्स एरीना, स्वामी विवेकानन्द परिसर ।
– एस.आर. रंगनाथन केंद्रीय पुस्तकालय, पालीवाल पार्क परिसर ।
– समर्थ पोर्टल ।
– जनगणना शोध एवं अनुसंधान विश्लेषण केंद्र, जनगणना मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से, पालीवाल पार्क परिसर ।
– मूक कोर्ट विधिक शिक्षा केंद्र, पालीवाल पार्क परिसर ।
– कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी अभिलेख धरोहर संग्रहालय, पालीवाल पार्क परिसर ।
– सांस्कृतिक धरोहर एवं संग्रहालय, इतिहास विभाग संस्कृति भवन परिसर ।
– प्रधानमंत्री कौशल विकास कंप्यूटर लैब, स्वामी विवेकानंद परिसर ।
– महिला अध्ययन केंद्र, गृह विज्ञान संस्थान परिसर ।
– ब्यूटी लैब, महिला अध्यन केंद्र ।
– प्रकाशीय उपकरण प्रयोगशाला, दाऊदयाल व्यावसायिक शिक्षण संस्थान, स्वामी विवेकानंद परिसर ।