भारत लीक्स,आगरा । खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान वाली कहाबत तो सुनी होगी आपने । जब शिक्षा विभाग ही मेहरबान हो जाए तो बिना फिर आपको बोर्ड के मानकों को ताक पर रखकर 20 वर्ग गज या 40 वर्ग गज में भी एक इंटर कॉलेज चला सकते हो । इसी प्रकार का एक विद्यालय देखने को मिला ट्रांस यमुना फेस द्वितीय में संचालित है ।यहां पर स्कूल प्रबंधक के द्वारा महज 30 या 40 वर्ग गज में ही स्कूल चल में इंटर कॉलेज चला रहा है। सबसे बड़ी बात है क्या इसी 40 वर्ग गज में ही स्कूल प्रबंधक का आवास भी है।
यमुनापार में ट्रान्स यमुना फेस द्वितीय में बाल भारती के नाम से एक स्कूल संचालित है । सबसे बड़ी बात है यह है कि विभाग की मेहरबानी से यह विद्यालय महज करीब 40 वर्ग गज से अधिक जगह नहीं है । इसी तीन कमरो के भवन में भी स्कूल प्रबंधक का निवास भी बना हुआ है। साथ ही दो कमरों में बच्चों की पढ़ाई की जा रही है ।सबसे बड़ी बात है कि स्कूल पर प्राइमरी की मान्यता होने के बाद हाईस्कूल तक के प्रवेश स्कूलों में लिए जा रहे हैं ।अगर मानकों की बात करें तो 40 वर्ग गज जमीन पर कैसे विभाग ने प्राइमरी स्कूल की मान्यता दे दी । साथ ही जिसमें आवास भी बना हुआ है । शिक्षा विभाग की मेहरबानी इसी स्कूल पर नहीं है ।बल्कि क्षेत्र में तमाम ऐसे स्कूल हैं जिनमें 2 कमरों में स्कूल खोलकर स्कूलों के प्रबंधक छात्र छात्राओं के साथ खुलकर खिलवाड़ कर रहे हैं । जांच के नाम पर शिक्षा विभाग खानापूर्ति करने के बाद मोटी रकम लेकर वापस चला जाता है। सालों से इस प्रकार के स्कूलों ने क्षेत्र में अपना जमावड़ा बना रखा है ।
40 गज के भवन में प्रबंधक का निवास भी ।
बड़ी विडम्बना की बात है ।शिक्षा के स्तर को शिक्षा माफियाओं ने एक मजाक बना कर रखा हुआ है। दो कमरों में स्कूल खोलकर शिक्षा विभाग क्यों मेहरबान बना हुआ है । शिक्षा माफियाओं के लिए विभाग संजीवनी बूटी का काम कर रहा है । चंद रुपए महीने की बसूली करके इनको खुला संरक्षण दे रहा है । सबसे बड़ी बात की अधिक 40 गज भवन में स्कूल में प्रबंधक का आवास भी है साथ ही एक इंटर कॉलेज के छात्रों को भी पढ़ाया जा रहा है। देखना है कि विभाग कब इनपर करवाई करता है ऐसे स्कूल कब बंद होंगे ।