व्यवस्थाओं के अभाव का दंश झेल रहा गाँधी स्मारक एवं संग्रहालय

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इतिहास

भारतलीक्स,आगरा:- राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी स्वतंत्रता आंदोलन के समय अलने वृहद जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत 10 सितंबर 1929 से 21 सितंबर 1929 (कुल 11 दिन) तक यहाँ रुके थे। सन 1948 में गाँधी जी के निधन के उपरांत श्री राम कृष्ण मेहरा के पुत्र श्री ब्रजमोहन दास मेहरा ने इस भवन को गाँधी स्मारक हेतु दान कर दिया। यह मराठा शैली में निर्मित दो मंजिला भवन है।

वर्षों तक नगर प्रसूति अस्पताल, जच्चा-बच्चा कल्याण केंद्र तथा आयुर्वेदिक चिकित्सालय के रूप में संचालित रहा। वर्ष 2015 में जीणोद्धार के उपरांत इसे गाँधी स्मारक एवं संग्रहालय के रूप में बापू को पुनः समर्पित कर दिया गया।

वर्तमान स्थिति

आज के समय मे गाँधी स्मारक एवं संग्रहालय की वर्तमान स्थिति यह है कि बापू की रखी संगमरमर की मूर्ति पर चश्मा नहीं है। बापू की धोती भी रिटायर्ड व्यक्ति राकेश यादव द्वारा अपने पैसो से मंगवाकर पहनाई गई थी। बापू के बना चरखा भी टूट चुका है। भवन का एक तरफ का छज्जा भी गिर चुका है। भवन की छत से पानी लीकेज होने लगा है। गाँधी जयंती से एक दिन पहले साफ सफाई करवा दी जाती है बाकी के अन्य दिनों में कोई झांकने तक नही आता।

वह चबूतरा जहाँ गाँधी जी बैठते थे

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