Inner Ring Road Toll

बंद हुई अवैध टोल पर वसूली, अग्रिम आदेशो तक लगी रोक

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भारतलीक्स,आगरा:- इनर रिंग रोड से होकर लखनऊ एक्सप्रेस वे पर जाने वाले और लखनऊ एक्सप्रेस वे से आगरा के फतेहाबाद रोड पर आने वाले वाहनों से टोल टैक्स के नाम पर हो रही अवैध वसूली बंद हो गई है। विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कोई अनीता यादव ने अग्रिम आदेशों तक टैक्स वसूली बंद करने के आदेश दिए हैं। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल लखनऊ एक्सप्रेस पर जाने वाले वाहनों से टैक्स नहीं लिया जाएगा। आगरा विकास प्राधिकरण ने इनर रिंग रोड टोल का ठेका उठाया है। मुंबई की फर्म मैसर्स ईगल इंफ्रा इंडिया लिमिटेड ने दो वर्ष के लिए 88 करोड़ रुपये में ठेका लिया है। प्राधिकरण का टोल प्लाजा रहनकलां पर बना हुआ है। यहां से दिल्ली की जाने वाले और उधर आने वाले वाहनों से टैक्स लिया जाता है लेकिन आगरा के फतेहाबाद रोड से लखनऊ की ओर से आने वाले वाहन और लखनऊ से फतेहाबाद रोड की ओर आने वाले वाहन रहनकलां टोल प्लाजा तक नहीं जाते हैं। इसकी वजह से कंपनी को उनसे टैक्स नहीं मिलता था। इसलिए लिए कंपनी ने लखनऊ एक्सप्रेस वे इंटरजेंच पर अस्थायी टोल बना दिया। यहां बैरियर और रस्सी लगाकर वाहन रोक कर टैक्स वसूली शुरू कर दी। यहां की जा रही जबरन टैक्स वसूली को लेकर विवाद हो रहे थे। वाहन चालकों की एक शिकायत यह थी एक कार चालक से महज 2- 2.50 किलोमीटर दूरी तय करने के लिए 20 रुपये क्यों लिए जा रहे हैं। जबकि इनर रिंग रोड पर करीब 11.9 किलोमीटर चलने पर महज 40 रुपये लिए जाते हैं। विरोध करने पर टोल कलेक्शन में लगे कर्मचारी वाहन चालकों से झगड़े पर उतारू हो जाते थे। यहीं नहीं मारपीट तक की घटनाएं हो चुकी है।

आगरा विकास प्राधिकरण ने टैक्स वसूली पर रोक लगा दी है। उपाध्यक्ष अनीता यादव ने बताया कि इनर रिंग रोड से लखनऊ एक्सप्रेस वे पर जाने और आने वालों से टैक्स वसूली पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई है। मामले का स्थायी समाधान खोजने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी ।

गुंडई कर रहे थे कर्मचारी

लखनऊ एक्सप्रेस के इंटरजेंच पर बनाए गए अस्थायी टोल पर कर्मचारी वाहन चालकों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे। या यूं कहें खुली गुडंई होती थी। कोई वाहन चालक विरोध करता तो बदतमीजी और मारपीट पर उतारू हो जाते थे। कोई ट्रक चालक विरोध करता है उसके साथ मारपीट तक कर दी जाती है। न तो यहां पुलिस होती थी और न कोई सुनवाई होती थी। इसलिए मजबूरी में टोल टैक्स देकर वहां चले जाने में ही भलाई जा समझ रहे थे। तीन दिन पहले यहां जमकर हंगामा हुआ था। तब एडीए की टीम भी पहुंची थी लेकिन एडीए के अधिकारियों ने मामले को रफादफा कर दिया था।

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