चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ CDS अनिल चौहान ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान भले ही आर्थिक रूप से कमजोर चल रहा है, लेकिन अभी भी पाकिस्तान हमारे लिए खतरा है। साथ ही सीडीएस ने चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ को लेकर भी चिंता जाहिर की। एक कार्यक्रम में सीडीएस ने कहा कि हम अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम हैं। सीडीएस ने कहा कि पाकिस्तान सैन्य तौर पर अभी भी काफी मजबूत है और हम इससे वाकिफ हैं।
21वीं सदी में भारत के सामने ये हैं सबसे बड़ी चुनौती
दरअसल कार्यक्रम के दौरान सीडीएस अनिल चौहान से पूछा गया था कि 21वीं सदी में भारत के सामने सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती क्या है? इसके जवाब में सीडीएस ने कहा कि ‘जहां तक सुरक्षा बलों की बात है, हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती चीन का उभार और चीन के साथ जारी सीमा विवाद है। हमारे दो पड़ोसी हैं, जिनके साथ हमारे मतभेद हैं। दोनों की गहरी दोस्ती है और दोनों देश हिमालय से ऊंची और समुद्र से गहरी दोस्ती का दावा करते हैं और दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश भी हैं।’ सीडीएस ने सेना के सामने जो सबसे बड़ी एक और चुनौती बताई वो है लड़ाई की बदलती परिभाषा। उन्होंने कहा कि हमें नए हथियारों, तकनीक और रणनीति की जरूरत है, साथ ही संगठन के स्तर पर भी बड़े बदलाव करने पड़ेंगे। चुनौती ये है कि हमें समय पर सही दिशा में सही कदम उठाने होंगे।
पाकिस्तान अभी भी बड़ा खतरा
कार्यक्रम में ‘विजन नेशनल सिक्योरिटीः भारतीय सेना के सामने चुनौतियां’ मुद्दे पर चर्चा के दौरान सीडीएस से पूछा गया कि क्या आर्थिक रूप से कमजोर पाकिस्तान अभी भी भारत के लिए खतरा है? इसके जवाब में सीडीएस अनिल चौहान ने कहा ‘पाकिस्तान भले ही आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है और राजनीतिक रूस से भी अस्थिर है, लेकिन सैन्य तौर पर उनकी क्षमताओं के बारे में हमें कोई शक नहीं है। हमें इसके लिए विरोधी देश को पूरे अंक भी देने चाहिए। उन्होंने अपने आप को काफी मजबूत किया है। ऐसे में पाकिस्तान अभी भी भारत के लिए खतरा बना हुआ है। हालांकि लंबी लड़ाई लड़ने की उनके सामने चुनौती है, लेकिन अभी भी वह हमारे लिए खतरा है।’
सीडीएस अनिल चौहान का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब भारतीय सेना भारत शक्ति नाम से अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक पोखरण में सैन्य अभ्यास कर रही है। सीडीएस ने कहा कि जहां तक सीमाओं की बात है तो वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और हमारे पास अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं।
-एजेंसी