भारतलीक्स,आगरा:- फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकरण करा कर नगर निगम में ठेका लेने वाले ठेकेदार के खिलाफ नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने संबंधित थाने में एफआईआर कराने के आदेश दिये हैं। कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। जो तीन दिन मैं निर्माण विभाग में पंजीकृत सभी ए व बी श्रेणी की फर्मों द्वारा लगाए गए समस्त दस्तावेज की जांच कर अपनी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंपेगी। मैसर्स बांके बिहारी ट्रेडर्स प्रो. श्री रविन्द्र गुप्ता, 83 जीटी रोड बेवर मैनपुरी के द्वारा नगर निगम आगरा में पंजीकरण व ठेके के नवीनी करण के लिए प्रस्तुत आवेदन के साथ दाखिल हैसियत प्रमाणपत्र में हेराफेरी का खुलासा हुआ था। नगर निगम आगरा में ए श्रेणी के ठेके लिए पचास लाख का हैसियत प्रमाण पत्र चाहिए होता है जबकि ठेकेदार को जिलाधिकारी मैनपुरी द्वारा जारी हैसियत प्रमाण पत्र 48.75 लाख का था। ए श्रेणी में पंजीकरण कराने के लिए उक्त ठेकेदार ने हैसियत प्रमाण पत्र में हैसियत का आंकड़ा बढ़ाकर 1,48, 75000 रुपए का कर दिया। कूटरचित हैसियत प्रमाण पत्र लगा कर नगर निगम के ठेके हथिया लिए। उसका नवीनीकरण भी हो गया। टेंडर में प्रतिभाग भी कर लिया। इस प्रकरण का खुलासा हुआ है। इसे गंभीरता से लेते हुए नगर आयुक्त ने उक्त फर्म को ब्लैक लिस्टेड करते हुए थाना हरीपर्वत में ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर कराने के आदेश दिये हैं। लेखा लिपिक निर्माण संजीव चौहान ने उक्त ठेकेदार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं नगर आयुक्त ने मामले की तह तक जाने के लिए एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर नगर निगम में पंजीकृत ए और बी श्रेणी की सभी फार्मों द्वारा पंजीकरण मैं लगाए गए समस्त दस्तावेजों की जांच रिपोर्ट तीन दिन में मांगी है। जांच कमेटी में अपर नगर आयुक्त विनोद गुप्ता, मुख्य अभियंता सिविल बीएल गुप्ता और मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी बृजेश सिंह को रखा गया है।