भारतलीक्स,आगरा:- कोठी मीना बाजार मार्ग पर बुधवार शाम को बारिश में भीषण हादसा हुआ। बेकाबू कार की टक्कर से स्कूटी से जा रहे मां-बेटे उछलकर नाले में गिर गए। पानी के तेज बहाव में बहने लगे। चीख पुकार सुनकर लोग जुट गए। चंद कदम की दूरी पर एसीपी लोहामंडी के कार्यालय से पेशकार हेमंत कुमार और सिपाही मनीष कुमार पहुंचे। उन्होंने बेटे को सुकुशल निकाल लिया, जबकि मां बह गई। करीब 1 घंटे बाद 200 मीटर की दूरी पर शव मिल सका। दुर्घटना से गुस्साए परिजन ने हंगामा किया, जाम लग गया। कार छोड़कर उसमें सवार लोग भाग गए।
शाम करीब सवा चार बजे बारिश हो रही थी। कोलिहाई, शाहगंज निवासी सुजेत मां साहिना (36) के साथ स्कूटी से लौट रहे थे। वह मां को जयपुर स्थित चिकित्सक के पास ले गए थे। कोठी मीना बाजार मार्ग पर सत्तो लाला फूड कोर्ट के पास बेकाबू कार ने पीछे से स्कूटी में टक्कर मार दी। इससे मां-बेटा स्कूटी से उछलकर खुले नाले में जा गिरे। एसीपी लोहामंडी व का कार्यालय कुछ ही दूरी पर है। शोर सुनकर पेशकार हेमंत कुमार और सिपाही मनीष कुमार मदद के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने सुजेत को नाले से बाहर निकाल लिया, जबकि पानी का बहाव तेज होने से साहिना बह गई। सूचना पर नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल, एसीपी मयंक तिवारी और नगर निगम की टीम पहुंच गई। लोग कार को नाले में फेंकने की कहने लगे। मगर, पुलिस के समझाने पर मान गए। ढके नाले की पटिया को बुलडोजर से तोड़ा गया। शाम करीब 5:30 बजे राज नगर के पास नाले में महिला का शव मिला। परिवार के लोगों ने बताया कि सुजेत चार बहनों में सबसे छोटा है।
शव रख जाम लगाने की कोशिश, पुलिस ने समझाया
बुधवार को हादसे में महिला की नाले में गिरने से मौत हो गई थी। आज गुरुवार को परिजनों और क्षेत्रीय लोगो ने शव रोड पर रख जाम लगाने की कोशिश करी। परिजनों और क्षेत्रीय लोगो की माँग थी कि मृतक के घरवालो को कुछ मुआवजा मिल जाए साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। जाम की सूचना पर मौके पर पहुँचे एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने लोगो को समझा बुझाकर जाम खुलवाया। एसीपी ने परिजनों को बताया कि मामले में मुकदमा पंजीकृत करके एक व्यक्ति की गिरफ्तारी कर ली गई है। जल्द ही घटना में शामिल अन्य लोगो को भी पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। अधिकारियों के आश्वाशन के बाद लोगो ने जाम खोल दिया।
पूर्व में कई जाने ले चुका है खुला नाला
साकेत हॉस्पिटल से लेकर कोठी मीना बाजार तक नाला खुला पड़ा हुआ है। नाले के खुले होने की वजह से पूर्व में भी कई हादसे हो चुके हैं और लोग अपनी जान गवा चुके हैं। बीते वर्ष एक बुजुर्ग व्यापारी की नाले में गिरने से मौत हुई थी। उससे पाँच वर्ष पूर्व चार वर्षीय बच्चे की नाले में गिरने से मौत हो चुकी है। सत्तो लाला फ़ूड कोर्ट के सामने एक साइकिल सवार खुले पड़े नाले में गिर गया था जिसकी सिर्फ साइकल ही नाले में मिली थी उसके शव का आज तक कुछ पता नही चल सका है।
अधिकारी पड़े सुस्त मौतों का आंकड़ा चुस्त
नगर निगम की अनदेखी के कारण ही नाला खुला पड़ा है। साल दर साल इसमें गिरकर मरने वालों की मौतो का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। घटना के समय जिम्मेदार अधिकारी पूरा अवलोकन करते हैं मगर कुछ समय बाद ही वही सब पुराने ढर्रे पर चलने लगे जाता है और नाले को ढकने की कोई सुध तक नहीं लेता। कल शाम हुए हादसे में स्कूटी सवार महिला और उसके बच्चे को कार सवार ने टक्कर मार दी थी। महिला और बच्चा दोनों नाले में जाकर गिर गए थे। पुलिसकर्मियों ने बच्चे को तो बचा लिया मगर नाले में काफी दूर तक बहने के कारण महिला की मौत हो गई थी। आखिर जब अपनी कुम्भकरण वाली नींद से जागकर नगर निगम इन हादसों पर रोक लगाएगा। कब नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करी जाएगी ?