भारतलीक्स,आगरा:- दीवानी न्यायालय की सुरक्षा आज से एसएसएफ (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) के हवाले हो जाएगी। दोपहर 12 बजे एसएसएफ के कमांडेंट दीवानी पहुंचे। न्यायिक अधिकारियों से मिले। पहले चरण में 100 से अधिक जवान तैनात किए जा रहे हैं। एसएसएफ के सुरक्षा संभालते ही करीब 50 पुलिस कर्मी दीवानी से हटा लिए जाएंगे। अभी तक न्यायालय सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के पास थी। सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए एसएसएफ को यह जिम्मेदारी दी गई है। एसएसएफ सीआईएसएफ की तर्ज पर तैयार की गई है। स्मारकों और दीवानी की सुरक्षा एसएसएफ को दी जा रही है। पुलिस और पीएसी कर्मियों को इसमें रखा गया है। एसएसएफ ज्वॉइन करने वाले जवानों को विशेष ट्रेनिंग दिलाई जाती है। ताकि किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए वे तैयार रहें। सभी को आधुनिक हथियार दिए गए हैं। एसएसएफ के कमांडेंट डॉ. रामसुरेश ने बताया कि दीवानी की सुरक्षा अभी तक पुलिस के पास थी। दीवानी के दो गेटों पर बैग स्कैनर और डीएफएमडी लगे हैं। न्यायालय परिसर में कई जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। कंट्रोल रूम भी है। कहां-कहां सुरक्षा में कमी है ये देख सुरक्षा को और पुख्ता किया जाएगा। दीवानी के चार गेट हैं। दो गेटों से वाहनों को प्रवेश मिलता है। दो गेट से पैदल आने वाले प्रवेश करते हैं। सभी गेटों पर पुख्ता सुरक्षा रहेगी। सघन चेकिंग हुआ करेगी। सुरक्षा इतनी पुख्ता होगी कि कोई बिना जांच अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगा। जरूरत पड़ने पर स्कैनरों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। सुरक्षा के संबंध में बैठक भी की जाएगी।
पूर्व में हुई हैं घटनाएं
दीवानी में सुरक्षा बेहद जरूरी है। पूर्व में हत्या तक की घटनाएं हो चुकी हैं। गोलियां चली हैं। मारपीट हुई है। यूपी बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या हुई थी। अधिवक्ता के चैंबर में उन पर गोलियां बरसाई गई थीं। दीवानी हवालात में एक ही परिवार के तीन लोगों की संदिग्ध हालात में तबियत बिगड़ी थी। बाद में उनकी मौत हो गई थी। गोलीकांड की कई घटनाएं हुई हैं। दीवानी की पुख्ता सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट सख्त है। इसी वजह से दीवानी की सुरक्षा एसएसएफ के सुपुर्द की गई है।