पर्यावरण और यमुना नदी को बचाने मास्क पहने उतरे आगरा के ‘ट्री’ मैन

धर्म/ आध्‍यात्‍म/ संस्‍कृति

भारत लीक्स,आगरा:- आगरा के त्रिमोहन मिश्रा और मित्र पंकज शर्मा बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग को लेकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं। शहर के बीचोबीच खड़े होकर अपने एक हाथ में बैनर और एक पौधा लेकर लोगों से पौधों को लगाने की और नदियों में गंदगी न करने के साथ साथ पर्यावरण को साफ सुधरा रखने के लिए अपील कर रहे हैं।

 

दोष किसका है : सब सरकार को दोष देते हो

ट्री मैन /आगराः बढ़ता तापमान और प्रदूषण पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. बात अगर आगरा की हो तो इस बार गर्मी के सीजन का तापमान 48 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया था, जो सामान्य तापमान से बेहद अधिक है. गर्मी ने लोगों को खूब परेशान किया. आज भी लोग पर्यावरण को बचाने, पेड़ लगाने और प्रदूषण न फैलाने के प्रति जागरूक नहीं है।

आगरा ट्रांस यमुना फेस-टू के रहने वाले त्रिमोहन मिश्रा जो कि आगरा में अब ट्री मैन के नाम से फेमस हैं। त्रिमोहन मिश्रा ने लोगों को जागरूक करने के लिए अनोखा कदम उठाया है। त्रिमोहन अपने साथ एक छोटा पौधा लेकर अपने मित्र पंकज शर्मा और अन्य साथियों के साथ आगरा की सबसे खूबसूरत “यमुना आरती पॉइंट घाट आगरा” के साए में पंहुचे। उन्होंने यमुना घाट से पेड़ बचाने का संदेश दिया। उन्होंने पौधे से ऑक्सीजन मास्क कनेक्ट कर हाथ में बोर्ड लेकर, लोगों को पेड़ लगाने और यमुना और अन्य जगहों पर गंदगी न फैलाने के लिए जागरुक कर रहे हैं, जिससे यमुना आरती पॉइंट आगरा से पर्यावरण संरक्षण की गूंज पूरे विश्व में पहुंचे।

वातावरण के प्रति लोगों को कर रहे जागरूक

लोकल 18 से बात करते हुए 27 साल के त्रिमोहन मिश्रा ने बताया कि वह पिछले 8 सालों से लोगों को पेड़ लगाने और उनको बचाने और गंदगी न फैलने तथा पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जागरुक कर रहे हैं. इससे पहले वह मौखिक और आर्थिक तथा सोशल मीडिया एवं अन्य तरीकों से लोगों को जागरुक करते थे, लेकिन उन्होंने 4-5 महीने पहले कुछ अलग करने का सोचा. जब उन्होंने देखा कि लोग AC और कूलर का और फर्नीचर का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन पेड़ नहीं लगा रहे. जबकि धार्मिक स्थल चिह्न पर पेड़ों को पूजा भी जाता है परंतु ये कैसा अन्याय है
त्रिमोहन मिश्रा ने बताया कि इसके बाद उन्होंने लोगों को जागरूक करने की ठानी. त्रिमोहन ने लोगों को AC, प्लास्टिक की वस्तुएं, मोटर वाहन द्वारा कॉर्बन का उत्पन्न होना, विभिन्न प्रकार की फैक्ट्रियां तथा भट्टियां जिसकी वजह से प्रदूषण होता है और लोगों को दोबारा उपयोग में लाने वाली वस्तुओं का उपयोग करने को प्रेरित करने का कार्य निश्वार्थ रूप से करते आ रहे हैं. उन्होंने ऑक्सीजन मास्क पहनकर साथ में एक पौधा लेकर बोर्ड के जरिए भीड़ वाली जगहों पर खड़ा होना शुरू किया है. इस बोर्ड पर लिखा है कि:” जिस देश में सबसे ज्यादा नदियां पूजी जाती हैं उस देश की नदियां सबसे ज्यादा बुरी हालात में हैं”

इससे पहले:- “लोग 50 हजार रुपए का AC और 20 हजार रुपए का कूलर खरीद सकते हैं, लेकिन एक पेड़ नहीं लगा सकते हैं.”

और साथ ही धर्म और आस्था का इस तरह से अपमान न करें गणेश चतुर्थी और नवरात्रि पर प्रतिमा को गंगा-यमुना में इस तरीके से विसर्जित न करें, P.O.P से बनी प्रतिमा न लेकर धरती मां की मिट्टी की प्रतिमा लें जो आसानी से (विसर्जित) घुल सके एवं अपने घर के एक टब में करें, और वह पानी और मिट्टी को पेड़ पौधे में डाल दें जिससे पेड़ पौधों को पानी भी मिल जायेगा और मिट्टी भी.
“बेहद सामान परिवार से आते हैं त्रिमोहन”

त्रिमोहन मिश्रा ने बीएससी की पढ़ाई की है. पिता बुजुर्ग हैं माता हाउस वाइफ हैं. वह तीन भाई हैं. त्रिमोहन खुद अपना प्रिंटिंग का छोटा सा बिजनेस करते हैं. इसी से उनका घर चलता है. प्रिंटिंग के काम से थोड़ा वक्त निकाल कर वह अपने साथियों के साथ सुबह और शाम आगरा के भीड़ भाड़ वाले बाजारों में हाथ में बोर्ड और चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क लगाकर खड़े होकर लोगों को पर्यावरण बचाने को अवेयर करते हैं.

मित्र पंकज शर्मा ने 12 वी कक्षा तक पढ़ाई की है पिताजी हलवाई का कार्य करते थे जो अब इस संसार में नहीं जिसके कारण पंकज को खुद अपना घर संभालना पढ़ रहा है माता जी हाउस वाइफ हैं वह इकलौते सदस्य और चार बहने हैं जो विवाहित हैं पंकज शर्मा एसएन मेडिकल कॉलेज में वार्ड बॉय की जॉब करते हैं इसी से उनका घर चलता है जॉब से थोड़ा सा वक्त निकालकर वह अपने साथी मित्र त्रिमोहन मिश्रा और साथियों के साथ सुबह और शाम आगरा के भीड़ भाड़ वाले बाजारों में इनका साथ देते हैं

त्रिमोहन और पंकज सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों को अब लगातार अवेयर कर रहे हैं. वह वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं. जहां पर अच्छी खासी तादात में लोग उन्हें पसंद कर रहे हैं.

लोगों को करते रहेंगे जागरूक

त्रिमोहन मिश्रा का कहना है कि इस काम में उनके कई साथियों का योगदान है. उनके मित्र पंकज शर्मा भी इस काम में उनका सहयोग करते हैं. एक मित्र सोशल मीडिया के लिए वीडियो शूट करते हैं. त्रिमोहन मिश्रा का मानना है कि गंदगी को सरकार ही क्यों साफ करवाए क्या आम जनता का फर्ज नहीं बनाता की अपने कचरे को सही स्थान तक पहुंचना इस मुहिम में हर व्यक्ति को योगदान देना चाहिए घर के कचरे से घर तो साफ कर लिया परंतु बाहर फैला दिया “क्या घर ही घर है, पृथ्वी (धरती मां) नहीं” अब नए पेड़ लगाने के साथ साथ इसके अलावा ज्यादा जरूरी है कि जो पेड़ बचे हैं, उनको बचाया जाए और वातावरण में प्रदूषण न फैलाया जाए |

लोगों से कम से कम इस्तेमाल करने की अपील

त्रिमोहन मिश्रा ने कहा कि जो पेड़ हम आज लगाएंगे वो 5 से 6 साल बाद बड़ा होगा इसके साथ ही जो पेड़ वर्तमान में हैं. उन्हें बचाया जाए तो वह आज वातावरण को फायदा पहुंचाएंगे. साथ में त्रिमोहन लोगों से अपील करते हैं कि वह घरों में AC, प्लास्टिक की वस्तुएं, मोटर वाहन द्वारा कॉर्बन उत्पन्न होना, विभिन्न प्रकार की फैक्ट्रियां तथा भट्टियां व अन्य “जिसकी वजह कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है और ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज, प्रदूषण और नई नई बीमारियां होती हैं” इनका इस्तेमाल कम से कम करें. ये सभी पर्यावरण के लिये घातक है. और दोबारा उपयोग में लाने वाली वस्तुओं को उपयोग में लाएं बस खूब सारे पेड़ लगाएं, और गंदगी न करें न करने दें नहीं तो ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ती गर्मी और इसी तरह क्लाइमेट चेंज असमय बारिश जलभराव और अन्य, सब आपके सामने है ये ऐसे ही होता रहा तो लोगों के लिए बेहद नुकसानदायक होगा जो आने वाली पीढ़ी को आने से पहले ही पृथ्वी नष्ट कर देगा “जिसका कारण बस सिर्फ मनुष्य ही होंगे क्योंकि जानवर तो जानवर है आप और हम मत बनो”

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