नरकीय जीवन जीने को मजबूर वार्ड 58 के बाशिंदे

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भारतलीक्स,आगरा:- वार्ड 58 की जनता नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। सड़को पर बरसात के बाद पानी भरे होने से काई जमा हो गई है। सड़को का हाल यह है कि उनका रंग ही हरा पड़ चुका है। नालियाँ न बनने के कारण उनमें पानी ऊपर तक भरकर सड़को तक आ गया है। कई जगह नालियों के निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं जिसके कारण नालियाँ भरी हुई हैं। उनमें भरे पानी से बदबू आने लगी है। जगह-जगह गंदे पानी के भराव में मच्छर जन्म ले रहे हैं। इन मच्छरों के प्रकोप से अगर वार्ड 58 में कोई बीमारी फैलती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। नगर निगम की बेलापरवाही का नतीजा यह है कि मच्छरों को मारने वाली फॉग भी क्षेत्र में अभी तक नही करवाया गया। जगह-जगह स्ट्रीट लाइटें टूटी और खराब पड़ी हुई हैं। रात के समय हादसों का खतरा निरंतर बढ़ता जा रहा है। पार्कों में गंदे पानी का जलभराव है। बीमारियां फैलने और लोगो के बीमार होने का खतरा बना हुआ है। क्षेत्रीय पार्षद शेर सिंह सविता खुद कई बार नगर निगम समस्याओं के संबंध में लेटर लिख चुके हैं। नगर निगम में उनके द्वारा दिये लेटर पर खुद नगर आयुक्त द्वारा टिक भी कर दिए गए हैं बावजूद उसके नगर निगम के आलाधिकारी इस ओर ध्यान ही नही दे रहे। नगर निगम की इस घोर लापरवाही का नतीजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। समस्याओं पर गौर करके उन्हें दूर करने की बजाय निगम के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से मुँह फेर कर बैठे हुए हैं। आखिर कब होगा यमुना पार के वार्ड 58 का विकास, कब मिलेगी यहाँ के निवासियों को पनप रहीं समस्याओं से निजात! आखिर कब सोती हुई नींद से जागेगा आगरा नगर निगम !

पार्षद शेर सिंह का क्या है कहना…

यमुना पार के नारायच पश्चिमी वार्ड 58 के पार्षद शेर सिंह सविता ने बताया कि उनके द्वारा नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल को वार्ड की समस्याओं के संबंध में कई बार लेटर लिखा जा चुका है। वार्ड में कुछ जगहों पर नालियाँ न होने के कारण गंदा पानी पार्कों में जमा हो रहा है। नगर आयुक्त द्वारा उनके दिए लेटर पर मार्क भी कर दिया गया है बावजूद इसके नगर निगम के अधिकारियों द्वारा ध्यान ही नही दिया जा रहा है। पचास हजार की आबादी वाले वार्ड में कुल 33 सफाई कर्मचारियों की संख्या है। 20 अन्य सफाईकर्मियों की माँग को लेकर भी पार्षद द्वारा तीन से चार महीने पहले लेटर लगाया गया है मगर उस पर भी इस और कोई ध्यान नही दिया गया है। नगर निगम नियम तो कई सारे बनाता है पर उनका पालन ही ठीक ढंग से नही होता है।

 

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