भारतलीक्स,आगरा:- माध्यमिक शिक्षा विभाग में जॉइंट डायरेक्टर आरपी शर्मा को कल विजिलेंस टीम ने छापा मारकर कार के अंदर तीन लाख रुपयों की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। आरपी शर्मा की गिरफ्तारी के बाद से शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और शिक्षकों में आक्रोश है । उनका कहना है कि आरपी शर्मा एक ईमानदार छवि के व्यक्ति हैं। षड्यंत्र के तहत उन्हें फसाया गया है। इस मामले में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की भी माँग उठी है।
सूत्रों के अनुसार जानकारी में आया है। कि जेडीआरपी शर्मा जब अपने ऑफिस से बाहर निकले उसे समय उनके साथ उनके कर्मचारी अनमोल नामक युवक सहित चालक श्रवण कुमार और एक ऑफिस का अन्य कर्मचारी भी गाड़ी मौजूद था। आरोप है कि उस समय अचानक विजिलेंस की टीम ने गाड़ी को रोककर उनके बाकी कर्मचारियों से गाड़ी से निकाल कर बाहर निकालकर मारपीट की गईं। साथ में उनके न जाने पर मारपीट भी की । उसके बाद अचानक आरपी शर्मा को घेर कर टीम ने दबोच लिया । कर्मचारियों ने जानकारी में बताया के उनके साथ भी काफी मारपीट की गई थी । जिससे उनके चोट भी लगी है। सबसे बड़ी बात यह है कि क्या कर्मचारियों की मौजूदगी में एक बड़ा अधिकारी रिश्वत ले सकता था ।
लगातार उठ रहे सवाल डीवीआर क्यों ले गई विजिलेंस साथ ।
आरपी शर्मा की गिरफ्तारी के बाद से विजिलेंस टीम की कार्यवाही पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों ने बताया की कार्यालय के बाहर जहां यह घटनाक्रम हुआ वहाँ कैमरे भी लगे हुए हैं। पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद है। अगर विजिलेंस टीम ने जेडी आरपी शर्मा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था तो फिर कैमरों की डीवीआर साथ क्यों ले गई ?
अचानक इस उम्र में कैसे लग गया भ्रस्टाचार का धब्बा ।
जेडी आरपी शर्मा विभाग के अंदर बेहद ईमानदार और स्वच्छ छवि के व्यक्ति बताए जा रहे हैं। इतने वर्षों की नौकरी पर कभी कोई छोटा सा भी दाग नही लगा। नौकरी के कुछ समय शेष रहते आखिर उन्होंने रिश्वत कैसे ले ली । वह भी उस व्यक्ति से जिसकी फर्जी नियुक्ति की जाँच वह खुद कर रहे थे। अगर रिश्वत लेनी थी तो अपने घर या किसी अन्य स्थान पर ले सकते थे। कार्यालय के बाहर ही जेडी आरपी शर्मा ने रिश्वत क्यों ली । अपने आप में यह एक बड़ा सवाल है । रिश्वत लेनी चाहिए कई अलग स्थान थे ।इससे यह स्पष्ट होता है की आर पी शर्मा को कहीं षड्यंत्र के तहत बुरी तरीके से फसाने की साजिश को नहीं की गई है ।
पहले की मिठाई खिलाने की कोशशि , फिर फसाया ।
सिकंदरा आवास विकास कॉलोनी निवासी अजय चौधरी डीसी वैदिक इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक है। शिक्षा विभाग में उसका लगातार आना जाना था। जिस समय जेडी आरपी शर्मा को विजिलेंस टीम ने पकड़ा उससे पहले शिकायतकर्ता कार्यालय में ही मौजूद था। वह कार्यालय मिठाई के डिब्बे लेकर आया था। उसने कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों को मिठाई खिलाई। बाद वह कार्यालय के बाहर जेडी के आने का इंतजार करता रहा। शाम 6:30 बजे जब कार्यालय से बाहर आने तो उन्हें मिठाई दी लेकिन उन्होंने मना कर दिया क्योंकि वह शुगर के मरीज हैं।
कार चालक के कैसे आई चोटें कर रही सवाल खड़ा
जेडी आरपी शर्मा जब कार्यालय से निकलकर कार में बैठे तो उसमें पहले से कार चालक श्रवण कुमार और विभाग का एक अन्य व्यक्ति पहले से कार के अंदर मौजूद थे। विजिलेंस टीम ने जब कार को रोका तो चालक के चोटें कैसे आ गईं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विजिलेंस टीम ने कार चालक के साथ मारपीट करी है। अन्य एक कर्मचारी जब कार के पास दौड़ता हुआ आया तो बताते हैं कि विजिलेंस टीम ने उसको भी उठाकर फेंक दिया था। विजिलेंस टीम द्वारा मारपीट करने से कार चालक के चोटें आई हैं।
शिक्षा अधिकारियों में विजिलेंस का खौफ ,उपमुख्यमंत्री से की शिकायत ।
विजिलेंस टीम की कार्यवाही से शिक्षकों और कर्मचारियों में खौफ है। ज्यादातर अपना फ़ोन बंद करके बैठे हुए हैं। विजिलेंस टीम की कार्यवाही पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के संज्ञान में भी मामला डाला जा चुका है। निष्पक्ष जाँच और षड्यंत्र रचने वालो के खिलाफ कार्यवाही को लेकर आवाज उठना शुरू हो चुकी है। सोशल मीडिया पर भी लोग जेडी आरपी शर्मा के बचाव में पोस्ट कर रहे हैं।